हमारा काम

डब्ल्यूआरसी (WRC) कार्य विधि

कर्मचारी किसी भी कार्यस्थल के बारे में जानकारी का सबसे अच्छा स्रोत होते हैं और वे डब्ल्यूआरसी की जाँच पद्धति का केन्द्रीय बिन्दु हैं। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि डब्ल्यूआरसी फैक्ट्री प्रबंधन की जानकारी या भागीदारी के बिना, काम की जगहों से बाहर श्रमिकों से साक्षात्कार करता है, ताकि वे बिना किसी कार्रवाई के डर के खुलकर बात कर सकें। दूसरी ओर, जब ब्रांड अपने अनुबंधित आपूर्तिकर्ताओं का निरीक्षण करते हैं, वे कारखानों के अन्दर ही श्रमिकों से बात करते हैं जिससे लगभग यह तय हो जाता है कि उन्हें बहुत ही कम या फिर कोई भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिलेगी। इस तरीके से काम करना डब्ल्यूआरसी को उन श्रम अधिकारों के हनन को उजागर करने में सक्षम बनाता है, जिनको ब्रांड और उनके ऑडिटिंग संगठन नियमित रूप से अनदेखा कर देते हैं।

डब्ल्यूआरसी में क्षेत्रीय जाँचकर्ताओं की एक वैश्विक टीम मौजूद है जिन्होंने दुनिया भर के यूनियनों, मानवाधिकार समूहों, महिला संगठनों और अन्य नागरिक समाज समूहों के साथ के सम्बन्धों का एक व्यापक नेटवर्क क़ायम किया है। अपने काम के रूप में, डब्ल्यूआरसी में जिन कारखानों की हम जाँच करते हैं, वहाँ के अपने निष्कर्षों के साथ-साथ उन निष्कर्षों पर ब्रांडों, खुदरा विक्रेताओं और कारखाना मालिकों की प्रतिक्रियाओं पर भी हम विस्तृत सार्वजनिक रिपोर्ट जारी करते हैं। डब्ल्यूआरसी ने दुनिया भर के ब्रांडों और उनके आपूर्तिकर्ताओं को महत्त्वपूर्ण सुधार लागू करने के लिए मजबूर किया है, जैसे कि श्रमिकों के लिए पिछले वेतन का भुगतान, अन्यायपूर्ण तरीके से निकाले गए श्रमिकों की बहाली और कर्मियों की दूरगामी सुरक्षा में सुधार।

 

आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवस्थित परिवर्तन की ओर

डब्ल्यूआरसी के प्रयासों ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में श्रम अधिकारों के हनन की प्रकृति और कारणों को उजागर करने, उद्योग-प्रायोजित निगरानी योजनाओं की अपर्याप्तता को प्रकाश में लाने और वास्तविक सुधार के तरीकों के बारे में सार्वजनिक बहस को आकार देने में मदद की है।

आपूर्ति श्रृंखलाओं में अच्छी स्थिति के लिए व्यवस्थित सुधारों की बड़ी आवश्यकता है- दुनिया भर में लागू करने योग्य समझौतों के साथ-साथ, उद्योगों के स्वैच्छिक वादों को प्रतिस्थापित करना और ब्रांडों को आपूर्तिकर्ताओं पर मूल्य दबाव को समाप्त करने के लिए बाध्य करना जिससे श्रमिक दुर्व्यवहार को बढ़ावा मिलता है। हम इस एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए रणनीतिक काम करते हैं।

हमने पिछले दशक की कुछ सबसे नवीन और प्रभावी श्रम अधिकार पहलों को विकसित करने और उन्हें लॉन्च करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें लेसोथो में समस्त निएन ह्सिंग कार्यबल पर लागू होने वाले लिंग आधारित हिंसा और उत्पीड़न समझौते, बांग्लादेश और पाकिस्तान में बाध्यकारी सुरक्षा समझौते और होंडुरास में सम्पूर्ण फ्रूट ऑफ द लूम कार्यबल पर लागू संघ-प्रबंधन समझौता, जो श्रमिकों को सामूहिक रूप से संगठित होने और सौदेबाज़ी के अधिकार की गारन्टी देता है, शामिल हैं।