जबरन उइघुर श्रम को समाप्त करना

TURPAN, XINJIANG, CHINA - OCTOBER 27: Workers remove by hand impurities such as leaves from cotton fibers on October 27, 2005 in the Xinjiang Uyghur Autonomous Region city Turpan, China. Xinjiang is one of China's largest cotton production areas with about 1/3 of the total output of cotton in China. The U.S. is proposing removing subsidies on agricultural products such as cotton by 2010 during the WTO's Sixth Ministerial Conference held on on Dec. 13-18 in Hong Kong. Failure on cotton agreements contributed to stalled talks in the last WTO ministerial meeting in Cancun, Mexico on 2003. (Photo by Chien-min Chung/Getty Images)

चीनी सरकार द्वारा उइघुर और अन्य तुर्क व मुस्लिम-बहुल लोगों के साथ दुर्व्यवहार, जिसे मानवता के खिलाफ अपराध माना गया है, कई प्रमुख ब्रांडों और खुदरा विक्रेताओं को गम्भीर मानवाधिकार संकट में उलझा रहा है। राज्य द्वारा प्रायोजित जबरन श्रम शिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र (उइघुर क्षेत्र) में व्यापक है और अन्य गम्भीर मानवाधिकारों के हनन के साथ जुड़ा हुआ है। इनमें बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से लोगों को हिरासत में लेना, अनिवार्य राजनीतिक शिक्षा, जबरन परिवारों को अलग करना और अत्यधिक निगरानी में रखना शामिल हैं।

परिधान और कपड़ा क्षेत्र चीनी सरकार के जबरन श्रम कार्यक्रम का केन्द्र बिन्दु है। वैश्विक परिधान उद्योग के लिए जबरन श्रम का सबसे बड़ा जोखिम कपड़ा सिलाई के स्तर पर नहीं, बल्कि कपास और धागे की उत्पादन आपूर्ति श्रृंखला में है। उइघुर क्षेत्र वैश्विक कपास उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और इसलिए वहाँ से चौंकाने वाले आँकड़े सामने आते हैं :

 

वर्ष 2020 में, वैश्विक परिधान बाज़ार में लगभग हर पाँच सूती कपड़ों में से एक में, उइघुर क्षेत्र की सामग्री थी जिसमें ज़ाहिर है, जबरन श्रम के साथ बनाए जाने का उच्च जोखिम जुड़ा हुआ था।

परिधानों के बड़े ब्रांड और उत्पादनकर्ता अक्सर इन चार परस्पर विरोधी तरीकों से इस जबरन श्रम की गम्भीर समस्या में योगदान देते हैं :

  1. उइघुर क्षेत्र के भीतर स्थित परिधान या अन्य कपास-आधारित सामान बनाने वाली किसी भी उत्पादन सुविधा के साथ वाणिज्यिक सम्बन्ध क़ायम करके
  2. उइघुर क्षेत्र के बाहर स्थित कम्पनियों के साथ वाणिज्यिक संबंधों के माध्यम से जिनकी सहायक कम्पनियाँ या संचालन उइघुर क्षेत्र में स्थित हैं और जो चीनी सरकार से सब्सिडी प्राप्त करते हैं और/या सरकार द्वारा प्रदान किए गए श्रमिकों को काम पर रखते हैं
  3. उन आपूर्तिकर्ताओं के साथ व्यावसायिक संबंधों के माध्यम से, जिन्होंने उइघुर क्षेत्र के बाहर स्थित कारखानों में उइघुर क्षेत्र के उन श्रमिकों को काम पर रखा है, जिन्हें सरकार द्वारा भेजा गया था और
  4. चीन और विश्व स्तर पर अन्य आपूर्तिकर्ताओं के साथ व्यापारिक संबंधों के माध्यम से, जो उइघुर क्षेत्र के उत्पादों का व्यापार करते हैं जिनमें कपड़ा, रेशे, धागे, कपास आदि शामिल हैं पर सिर्फ इन वस्तुओं तक सीमित नहीं है।

इस क्षेत्र में दमन और निगरानी के चरम स्तर के कारण, ब्रांड और खुदरा विक्रेताओं के लिए श्रम अधिकार ऑडिट जैसे तरीके अपनाकर यह सुनिश्चित करना कि उनकी आपूर्ति श्रृंखलाएं जबरन श्रम से मुक्त हों, व्यवहारिक रूप से असम्भव है। क्योंकि यहाँ श्रमिकों के लिए प्रतिशोध और डर के बिना किसी स्वतंत्र जांचकर्ता से खुलकर बात करना सम्भव नहीं है। इसलिए, ब्रांडों और कम्पनियों के लिए सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका कि वे उइघुर जबरन श्रम में शामिल नहीं हैं, यह है कि वे कपास से लेकर तैयार माल तक आपूर्ति श्रृंखला के सभी स्तरों पर इस क्षेत्र से बाहर निकल जाएं और इनमें शामिल कम्पनियों के साथ हर तरह के वाणिज्यिक संबंध समाप्त कर दें। इस जबरन श्रम संकट का यही उपाय है और अब संयुक्त राज्य अमेरिका में आयातकों के लिए उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम के तहत ऐसा करना आवश्यक हो गया है।

डब्ल्यूआरसी (WRC) उइघुर क्षेत्र में जबरन श्रम समाप्त करने के लिए गठित गठबंधन (Coalition to End Forced Labour in the Uyghur Region) की एक संचालन समिति का सदस्य है, जो मानवाधिकारों, श्रम अधिकारों और उइघुर अधिकार संगठनों का एक व्यापक और विविध नेटवर्क है।